जा चुके हैं हम तली तक बस उछलना शेष है,
चीर कर इस भँवर को बाहर निकलना शेष है।
नाव थी कमजोर नाविक भी जरा मदहोश था,
अब तो लहरों की दिशा में बस फिसलना शेष है।
रेत पर तपती हुई था चला नंगे पाँव ही,
साँझ होने आ गई चंदा निकलना शेष है।
आपने जैसा कहा हम जाम भरते रह गए,
कह रहे हो अब कि अब भी बर्फ गलना शेष है।
जिस भरोसे पर चले वह तो न कायम रह सका,
मित्र बतला दो कि क्या कुछ और छलना शेष है !
- ओमप्रकाश तिवारी