कटवा कर नाखून शहीदों में लिखवाने नाम चले,
मरने की जब बात चली तो करके मियाँ सलाम चले ।
बड़ी फिक्र है राजा जी को अपने मुल्क रिआया की,
खूब बहे आँसू घड़ियाली फिर घर जाकर जाम चले ।
जिनकी शान बढ़ाने ख़ातिर अपनी जान लड़ा बैठे,
गले लगाने के बजाय वो दे करके ईनाम चले ।
हमने उम्र बिता दी मंजिल तक सबको पहुँचाने में,
मेरी मैयत छोड़ सभी जन अपने-अपने काम चले ।
एक तरफ से संबंधों की ताली रहे बजाते हम,
उनकी बारी आई तो वह देकर पूर्ण विराम चले ।
(20 अगस्त, 2013)
मरने की जब बात चली तो करके मियाँ सलाम चले ।
बड़ी फिक्र है राजा जी को अपने मुल्क रिआया की,
खूब बहे आँसू घड़ियाली फिर घर जाकर जाम चले ।
जिनकी शान बढ़ाने ख़ातिर अपनी जान लड़ा बैठे,
गले लगाने के बजाय वो दे करके ईनाम चले ।
हमने उम्र बिता दी मंजिल तक सबको पहुँचाने में,
मेरी मैयत छोड़ सभी जन अपने-अपने काम चले ।
एक तरफ से संबंधों की ताली रहे बजाते हम,
उनकी बारी आई तो वह देकर पूर्ण विराम चले ।
(20 अगस्त, 2013)
1 comment:
बहुत अच्छी प्रस्तुति! हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} की पहली चर्चा हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-001 में आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर .... Lalit Chahar
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