Friday, January 22, 2016

तू भले पच्चास है

हाल ही में मौत ने करवा दिया अहसास है,
पास में ही हूँ खड़ी मैं तू भले पच्चास है।

एक दर्जन ब्लॉक नस में और बीपी नभ चढ़ा,
रक्तकण के बीच देवी शर्करा का वास है।

आइसीयू की मशीनें औ दवाओं की महक,
श्वेतवसना मधुरभाषी नर्स ही बस पास है।

चुक गई आधी सदी औ हाथ में कुछ भी नहीं,
भीड़ में भी रिक्तता का हो रहा आभास है।

सोचता हूँ कुछ मगर होता यहाँ कुछ और है,
सच कहूँ इंसान केवल परिस्थिति का दास है।

- ओमप्रकाश तिवारी
सुबह 10.55
17 जनवरी, 2016 (रविवार)
आईसीयू - 1, बेड नं. 07,
हीरानंदानी अस्पताल, मुंबई।  

2 comments:

Unknown said...

वाह वाह, अति सुन्दर।

Unknown said...

वाह वाह, अति सुन्दर।