दो चीज़ गर मिलें तो ग़ज़लें लिखूं हजार,
थोड़ी सी रोशनाई थोड़ा तुम्हारा प्यार ।
Saturday, October 20, 2007
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कलम स्वयं दे परिचय जिसका उसका कुछ भी राज़ नहीं, जिसे आप सा मित्र मिला वो परिचय का मोहताज नहीं। - ओमप्रकाश तिवारी ०७, जिप्सी , मेन स्ट्रीट , हीरानंदानी गार्डेन , पवई , मुंबई-४०००७६
1 comment:
वाह वाह जी थोडी सी रोशनाई थोडा सा प्यार
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